मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में शायद आपको अब गाड़ी में तेल भराने के लिए पेट्रोल पंप के चक्कर न काटना पड़े। सरकार एक एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार विमर्श कर रही है, जहां आप फुटकर सामान खरीद रहे हों, वहीं आपको पेट्रोल-डीजल भी मिल सके।
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय एक कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कर सकता है। इसके तहत कंपनियों फुटकर कारोबार में उतरने का मौका मिल सकता है। मौजूदा नियमों मुताबिक तेल के खुदरा कारोबार में उतरने के लिए कंपनी के पास घरेलू बाजार में बुनियादी ढांचा निवेश के लिए 2,000 करोड़ रुपये होने चाहिए या उसे 30 लाख टन कच्चे तेल की खरीद के लिए जरूरी राशि के बराबर की बैंक गारंटी देनी होगी। सरकार इन नियमों को और सान कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो, फ्यूचर समूह, रिलांयस रिटेल, और वॉलमार्ट जैसी मल्टी ब्रांड रिटेल कंपनियां पेट्रोल- डीजल भी बेचने लगेंगी।
नियम आसान होने पर सउदी अरामको जैसी दिग्गज इंटरनेशनल कंपनियों को भारत में रिटेल कारोबार में उतरने का मौका मिल जाएगी। अरामको ने देश के खुदरा ईंधन कारोबार में अपना इंट्रेस्ट दिखा चुकी है।
दरअसल, ब्रिटेन जैसे देशों में पहले से ही रिटेल में डीजल-पेट्रोल की बिक्री शुरु है। यो योजना वहां काफी सफल है। उसी को देखकर भारत में सुपर मार्केट में डीजल-पेट्रोल की बिक्री करने का आइडिया आया है। ब्रिटेन की संस्था पेट्रोल रिटेलर्स एसोसिएशन (पीआरए) के अनुमान के मुताबिक अप्रैल में देश में पेट्रोल की कुल बिक्री में सुपरमार्केट की हिस्सेदारी करीब 49 फीसदी थी और डीजल की बिक्री में उसका 43 फीसदी योगदान रहा। वहां टेस्को, सेंसबरी, एस्डा और मॉरीसन ईंधन बेच रही हैं।
भारत में इसकी मांग पहले से ही की जाती रही है। अब जाकर सरकार इस य़ोजना पर काम शुरु कर ही है। इससे ईंधन की पहुंच आम लोगों तक आसान हो जाएगी। पुणे में तो एक साल पहले ही घर-घर डीजल की आपूर्ति शुरु की गई थी।
If you want to know more about our services, please visit Commodity Market Tips
No comments:
Post a Comment