चेन्नई में भारी संकट खड़ा हो गया है। पानी के लिए वहां के लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। सड़क किनारे छोटे-मोटे होटलों में पानी की कमी के कारण पूरा भोजन मिलना बंद हो गया है। साथ ही कई बड़ी कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को पानी पिलाने से हाथ खड़े दर दिए हैं। लिहाजा उन्हें घर से काम करने की सलाह दी गई है।
होटलों में पानी का संकट
चेन्नई की सड़कों के किनारे हल्का फुल्का अगर आप कुछ खाना चाहते हों। तो अब यह सुविधा बंद हो गई है। भारी जल संकट के कारण कई छोटे रेस्टोरेंट और खाने पीने के अन्य ठिकानों पर पूरा भोजन मिलना बंद हो गया है। यह सब हुआ है चेन्नई होटल ऑनर्स एसोसिएशन के एक फैसले से। शहर के किनारे चलने वाले इस रेस्टोरेंट के मालिकों का कहना है कि, इडली, डोसा जैसा नाश्ता मिल सकता है। क्यों कि इसमें पानी जरूरत कम रहती है। लेकिन सांभर और रसम के साथ पूरा भोजन अब शायद नहीं परोसा जाएगा। क्योंकि पूरा भोजन बनाने में पानी की अधिक जरूरत होती है। इसके अलावा उन बर्तनों को धोने में भी पानी की भारी मात्रा में जरूरत पड़ती है। चेन्नई में 12,000 लीटर पानी की लॉरी जो इस महीने के शुरु में 1,800 रुपये की थी, वो पहले 2,500 रुपये की हुई। इसके बाद अब 5,000 रुपये की हो चुकी है।
पानी बचाने की मुहिम के तहत राज्य सरकार ने छोटे और मझोले रेस्टोरेंट और होटल मालिकों को प्लेटों की जगह पत्तलों का इस्तेमाल करने के लिए कहा है। इससे बर्तन धोने का पानी बचाया जा सकेगा।
IT कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम
तमिलनाडु के आईटी कॉरिडोरनाम से मशहूर पुराने महाबलीपुरम और सिरुसेरी आईटी पार्क की तमाम कंपनियां पानी की किल्लत से जूझ रही हैं। यहां की कंपनियां अपने कर्मचारियों को पानी की जरूरतें नहीं पूरी कर पाने के कारण उन्हें वर्क फ्रॉम होम ( घर से काम) करने के लिए कहा गया है। उन्हीं कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है, जिनके बिना ऑफिस का काम नहीं हो सकता। हालांकि कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम के लिए कोई लिखित आदेश नहीं जारी किया, लेकिन मौखिक रूप से बोला गया है।
सिंगपेरुमल इलाके की कुछ आईटी कंपनियों ने वॉशरूम तक में ताला जड़ दिया है। अगर किसी कंपनी के ऑफिस में 10 वॉशरूम हैं तो 8 में ताला लगा दिया गया है। केवल दो ही चालू रखे गए हैं। कुल मिलाकर तमिलनाडु पानी की भारी किल्लत है।
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