Wednesday, 1 February 2017

बजट 2017: टैक्स के मोर्चे पर कितनी कम हुई टेंशन

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हर किसी की जेब में कुछ एक्स्ट्रा पैसे पहुंचाने का इंतजाम कर दिया है। खासकर 5 लाख तक की इनकम वालों के लिए टैक्स की दर 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करके उन्होंने दिल जीतने की कोशिश की है। साथ ही घरों को बेचने से होने वाले फायदे भी बढ़ा दिए हैं। लेकिन कई ऐसी मांग थी- जैसे स्टैंडर्ड डिडक्शन, होम लोन पर ब्याज छूट में बढ़ोतरी, जिन पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया। बजट- आपका टैक्स इस खास पेशकश में हम यहीं चर्चा करेंगें कि क्या मिडिल क्लास की टैक्स टेंशन कम हुई है।

वित्तमंत्री ने बजट में कम आय वालों को तोहफा दिया है। 3 लाख तक कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं लगेगा और 5 लाख तक आय पर टैक्स की दर भी 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी है। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए वित्तमंत्री ने नए उपायों का एलान किया और 3 लाख से ऊपर के कैश लेनदेन पर लगी रोक दी है। साथ ही पार्टियों को भी 2 हजार से ज्यादा कैश चंदा देने भी मुमकिन नहीं होगा, इसके लिए उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए है। राजनीतिक सुधार की दिशा में ये उठाया गया सबसे बड़ा कदम है। बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रा का दर्जा दिया गया है, और घरों के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की अवधि भी 3 साल से घटाकर 2 साल की है। साथ ही अगले साल के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.2 फीसदी रखा गया है।

बजट के बाद टैक्सपेयर्स के जेब में पैसे आए है तो लेकिन बहुत ज्यादा नहीं आए हैं। बजट में 5 लाख से कम आय वालों को खास दर्जा दिया गया है और उनका टैक्स रेट 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है, तो ये सरकार की थोड़ी लुभावनी स्किम लग रही है। वहीं 3 लाख तक आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। बजट में टैक्सपेयर्स को अधिकतम 12,500 रुपये तक का फायदा दिया गया है। 50 लाख से 1 करोड़ तक की आय वालों पर 10 फीसदी, 1 करोड़ से ज्यादा आय वालों पर 15 फीसदी सरचार्ज लगाया गया है। इसका सेक्शन 87ए के तहत अधिकतम 3.5 लाख आय वाले लोगों को फायदा होगा। सेक्शन 87ए में अधिकतम छूट 2,500 लाख रुपये की होगी।

31 दिसंबर तक देरी से रिटर्न भरने पर सेक्शन 234एफ के तहत 5,000 पेनल्टी, 31 दिसंबर के बाद देरी से रिटर्न भरने पर 10,000 पेनल्टी लग सकती है। देरी से रिटर्न भरने के लिए पेनल्टी के लिए सेक्शन 271एफ हटाया गया है। रिफंड एक साल के भीतर आएगा।

वित्त वर्ष 2017-18 में 2.5 लाख तक के आय वालों को कोई टैक्स नहीं लगेगा। 2.5 लाख-5 लाख तक के आय वालों को 5 फीसदी, 5 लाख-10 लाख तक के आय वालों को 20 फीसदी, 10 लाख से ज्यादा की आय वालों को 30 फीसदी टैक्स लगेगा।

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