Wednesday, 29 May 2019

क्या कहते हैं आंकड़े? सरकार बनने के बाद क्यों आती है बाजार में तेजी


23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सेंसेक्स ने 40,000 का और निफ्टी ने 12,000 का लेवल छू लिया। हालांकि प्रॉफिट बुकिंग की वजह से यह तेजी बरकरार नहीं रह पाई। बाद के कारोबारी सत्र में बाजार में गिरावट जारी रही। 29 मई यह खबर आने के बाद कि अरुण जेटली नरेंद्र मोदी सरकार में कोई पद नहीं लेंगे, बाजार की गिरावट बढ़ गई है।

लेकिन हम पिछले 20 साल के आंकड़ों को देखें तो नतीजे कुछ और नजर आएंगे। AceEquity के आंकड़ों से पता चलता है कि हर बार नई सरकार बनने के पहले 100 दिनों में 4 में से 3 बार बाजार में तेजी रही है।

क्या हुआ है अबतक?

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आने के बाद अगले तीन महीनों में S&P BSE Sensex में 40 फीसदी की तेजी आई थी। 2009 में नई सरकार आने के बाद अगले तीन महीनों में सेंसेक्स 5 फीसदी चढ़ा। वहीं 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद सेंसेक्स में 8 फीसदी का उछाल आया था। 
इस दौरान सिर्फ 2004 में सेंसेक्स ने नकारात्मक रिटर्न दिया था। 2004 में यूपीए सरकार बनने के बाद अगले तीन महीनों में 5 फीसदी की गिरावट आई थी। 

नरेंद्र मोदी सरकार के दोबारा आने के बाद बाजार के जानकारों का कहना है कि बेंचमार्क सेंसेक्स नई ऊंचाई छू सकता है। हालांकि प्रॉफिट बुकिंग की वजह से बीच-बीच में बाजार गिर भी सकता है। 

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