Friday, 14 June 2019

बाजार में इंफोसिस के 26 साल पूरे, लिस्टिंग के बाद इंफोसिस का सफरनामा


देश की दिग्गज आईटी  कंपनी इंफोसिस को बाजार में आज 26 साल पूरे हो गए हैं। इस 26 सालों में कंपनी ने अपने निवेशकों को ऐसे रिटर्न दिए हैं जिसके बारे में आप सिर्फ सपने में ही सोच सकते हैं। इंफोसिस ने ना सिर्फ निवेशकों को ही मालामाल किया है बल्कि इस कंपनी ने देश की दिशा को भी बदला है। इंफोसिस के 26 साल पूरे होने पर सीएनबीसी-आवाज़ के साथ हैं कंपनी के पूर्व CFO और मणिपाल ग्लोबल के चेयरमैन मोहनदास पई।

एक कंपनी जिसने देश में आईटी क्रांति को जन्म दिया, जिसनें युवाओं को नए सपने दिखाए और उन्हें पूरा करने का हौसला दिया, ऐसी कंपनी जिसने निवेशकों को मालामाल कर दिया, आज उस कंपनी की लिस्टिंग के 26 साल पूरे हो गए हैं। हम बात कर रहे हैं दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस की। पिछले 26 साल में कंपनी का सफर कैसा रहा है आइए जानते हैं।

14 जून 1993 को इंफोसिस लिस्टिंग हुई। इसकी लिस्टिंग 52 फीसदी प्रीमियम पर हुई थी। शेयर का इश्यू प्राइस था 95 रुपये और इसकी लिस्टिंग हुई थी 145 रुपये पर। इंफोसिस का आईपीओ बड़ी दिक्कतों के बाद भरा था। वल्लभ भंशाली की कंपनी इस आईपीओ की मर्चेंट बैंकर थी। कंपनी का एडीआर मार्च 1999 में आया। लिस्टिंग से अब तक कंपनी ने 11 बार बोनस दिया है। 1993 के 100 शेयर आज 34000 शेयर हो गए हैं। कंपनी में 1993 में किया गया 9500 रुपये का निवेश 2.55 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी का मार्केट कैप 3.28 लाख करोड़ रुपये है। 1993 से कंपनी की CAGR ग्रोथ (वार्षिक विकास दर) 36 फीसदी रही है।

मोहनदास पई ने कहा कि इंफोसिस की लिस्टिंग एक बड़ा इवेंट था। किसी को नहीं पता था Infosys बड़ी कंपनी बनेगी। ज्यादातर लोगों को Infosys की जानकारी नहीं थी। इंफोसिस ने सॉफ्टवेयर में निवेश पर निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। कंपनी का निवेशकों के साथ पारदर्शी संबंध रहा है। निवेशकों से हर जानकारी साझा की जाती थी। निवेशकों के हित की रक्षा हमारी प्राथमिकता थी। गाइडेंस पूरा करना Infosys का लक्ष्य रहा है। कंपनी ने शुरुआती 5 साल में लगातार गाइडेंस पूरा किया। मुनाफे के बंटवारे में हर वर्ग का ध्यान रखा। कंपनी ने बेहतर प्रदर्शन को बढ़ावा दिया। कंपनी की लीडरशिप एक उदाहरण रही है।

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