इस साल जून में सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए। दोनों बेंचमार्क सूचकांकों ने जून में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। सेंसेक्स 40,312 पर पहुंच गया और निफ्टी ने 12,103.05 का लेवल छुआ।
AceEquity के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 11 साल में से 6 साल जून में बाजार में तेजी का दौर बना रहा है। इन 6 साल में से जून 2011 में 9 फीसदी, जून 2009 में 6 फीसदी और जून 2013 में 3 फीसदी तेजी आई थी।
दूसरी तरफ देखें तो पांच बार ऐसे मौके आए जब जून में बाजार में नरमी का दौर था। इनमें से चार मौके कुछ ऐसे थे। जून 2008 में सेंसेक्स 2 फीसदी गिरा, जून 2012 में सेंसेक्स 1.09 फीसदी गिरा और जून 2017 में सेंसेक्स 0.7 फीसदी गिरा था।
2019 में अब तक शेयर बाजार में 10 फीसदी की तेजी आ चुकी है। ज्यादातर तेजी लोकसभा चुनावों के नतीजों के दिन आई। मजबूत सरकार आने की वजह से शेयर बाजार में तेजी आई है।
राजनीतिक स्थिरता के साथ क्रूड प्राइस की कीमतों में नरमी और रेट कट की उम्मीद से बाजार में अच्छी खासी तेजी आई है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के प्रेसिडेंट (रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन) जयंत मांगलिक का कहना है कि निवेशकों को RBI की नीतियों पर नजर रखनी चाहिए। RBI 6 जून को पॉलिसी रेट का ऐलान करने वाला है।
उन्होंने कहा कि आगे मॉनसून बेहतर रहने से भी बाजार में तेजी रह सकती है। लेकिन मॉनसून अगर सामान्य से कम रहता है तो इसका असर मार्केट पर नकारात्मक पड़ सकता है। इसके अलावा ग्लोबल बाजार पर भी निवेशकों को ध्यान देना होगा।
कुछ दिलचस्प आंकड़े
पिछले 10 साल में से 7 साल जून में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FIIs) ने नेट खरीदारी की है।
इसके अलावा बाकी के साल पर गौर करें तो 2013 में FII ने 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयरों की बिकवाली की। 2015 में FII ने 5000 करोड़ रुपए और पिछले साल 2018 में 2000 करोड़ रुपए की बिकवाली की है।
अगर घरेलू निवेशकों की बात करें तो पिछले 10 साल में से 7 साल जून में नेट खरीदारी हुई है। 2015 में इन्होंने 10,000 करोड़ रुपए, 2017 में 9199 करोड़ रुपए और पिछले साल 6000 करोड़ रुपए की नेट खरीदारी की है।
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