Saturday, 31 December 2016

अब सिंगापुर के रास्ते आने वाले काले धन पर प्रहार!

नोटबंदी के साथ-साथ सरकार हर वो कोशिश कर रही है जिससे कालेधन की कड़ी निगरानी हो और उस पर रोक लगाई जा सके। इसी संदर्भ में आज सिंगापुर के साथ नए डीटीएए करार पर हस्ताक्षर हुए हैं। साइप्रस और मॉरीशस के बाद अब भारत के साथ सिंगापुर भी डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट यानि डीटीएए में संशोधन के लिए राजी हो गए है। इसका सीधा सा मतलब है कि सिंगापुर के जरिये भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वालों को अब भारत में टैक्स देना होगा।

अभी सिंगापुर की कंपनियां छूट का फायदा उठाकर भारत में किए निवेश पर कैपिटल गेंस टैक्स देने से बच जाती थी। लेकिन करार के बाद भारत-सिंगापुर नए वित्त वर्ष से 2019 तक कैपिटल गेन्स टैक्स आधा-आधा शेयर करेंगे। अप्रैल 2019 के बाद कैपिटल गेन्स टैक्स पर भारत का पूरा अधिकार होगा। सिंगापुर के साथ डीटीएए करार होने के बाद बिजनेस स्टैंडर्ड के एडिटोरियल डायरेक्टर ए के भट्टाचार्य का कहना है कि इससे टैक्स हैवन देशों पर टैक्स ट्रीटमेंट समान हो जाएगा।

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