टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कंपनी के अधिकारियों की मोटी सैलरी का बचाव किया। गुरुवार को हुई बोर्ड की बैठक में शेयरहोल्डर्स ने अधिकारियों की मोटी सैलरी पर सवाल उठाया था। अपने सीनियर अधिकारियों के बचाव में चंद्रशेखरन ने कहा कि यह कहना ठीक नहीं है कि कंपनी अधिकारियों को बहुत ज्यादा सैलरी दे रही है। वे ओवरपेड नहीं हैं। हम बस इतना कह सकते हैं कि हम ज्यादा सैलरी दे सकते हैं... लेकिन कंपनी कंजर्वेटिव रहना चाहती है।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, TCS के करीब 100 से ज्यादा अधिकारियों की सैलरी सालाना 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है। चंद्रशेखरन ने कहा कि बोर्ड और नॉमिनेशन कमिटी समय-समय पर यह देखती है कि जो लोग कंपनी के साथ लंबे समय से टिके हुए हैं और बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें कैसे रिवॉर्ड दिया जाए। शेयरहोल्डर्स को लगता है कि TCS का एंप्लॉयी खर्च बहुत ज्यादा है। TCS का टोटल एंप्लॉयी कॉस्ट उसकी आमदनी का 52 फीसदी है जो बहुत ज्यादा है।
चंद्रशेखरन ने यह भी साफ किया कि क्यों कुछ कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी कंपनी में बनाए रखा गया है। उनका कहना है कि उनमें बेहतरीर स्किल है। आपको अनुभवों का सम्मान करना चाहिए।
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