Monday, 26 September 2016

4 अक्टूबर को क्रेडिट पॉलिसी, क्या करेगा आरबीआई

बाजार की नजर अब 4 अक्टूबर को आने वाली क्रेडिट पॉलिसी पर है। ये पॉलिसी इसलिए अहम होगी क्योंकि बतौर गवर्नर ये ऊर्जित पटेल की पहली पॉलिसी होगी। साथ ही इस बार ब्याज दरों पर फैसला नई मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी लेगी। इस कमिटी के सदस्यों का महंगाई और ग्रोथ पर क्या नजरिया है, बता रहे हैं सीएनबीसी-आवाज़ के बैंकिंग एडिटर प्रदीप पंड्या। 

 

आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई के गवर्नर ऊर्जित पटेल, आरबीआई के डेप्यूटी गवर्नर आर गांधी और आरबीआई के ईडी माइकल पात्रा के अलावा चेतन घाटे, पम्मी दुआ और रवि धोलकिया के नाम शामिल हैं। आरबीआई गवर्नर ऊर्जित पटेल का मॉनिटरी पॉलिसी नजरिया सख्त है, जबकि आरबीआई के डेप्यूटी गवर्नर आर गांधी का न्यूट्रल नजरिया है। आरबीआई के ईडी माइकल पात्रा का मॉनिटरी पॉलिसी पर नजरिया सख्त है। 

 

वहीं मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी में शामिल किए गए चेतन घाटे का मॉनिटरी पॉलिसी पर न्यूट्रल/सख्त नजरिया है। चेतन घाटे का कहना है कि महंगाई नियंत्रण के लिए आरबीआई को हमेशा तैयार रहना चाहिए और पॉलिसी में खाद्य महंगाई दर की अहमियत बढ़ रही है। 

 

पम्मी दुआ का मॉनिटरी पॉलिसी पर नजरिया न्यूट्रल है। उनका कहना है कि मांग के साथ ही सप्लाई पर भी फोकस होना चाहिए और जरूरी होने पर एक्सचेंज रेट के लिए आरबीआई दखल दे सकता है। 

 

रवींद्र धोलकिया का मॉनिटरी पॉलिसी पर नरमी का नजरिया है। उनका कहना है कि महंगाई पर ज्यादा जोर देने से मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 8-9% ग्रोथ वाली इकोनॉमी में मांग बढ़ने से महंगाई ज्यादा नहीं होगी।

 

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