असमंजस में शेयरधारक, टाटा ग्रुप के किन शेयरों से रहें दूर
सबसे पहले नजर डालते हैं टाटा ग्रुप के विवाद पर, 24 अक्टूबर को सायरस मिस्त्री चेयरमैद पद से हटाए गए और रतन टाटा ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन बने। टाटा ग्रुप ने अपनी सफाई में कहा कि मिस्त्री ने टाटा ग्रुप की संस्कृति, मान्यताओं को नजरअंदाज किया। लिहाजा सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाना जरूरी था। अब इस विवाद पर सेबी भी नजर बनाए हुए हैं। खबरें हैं कि सेबी टाटा ग्रुप और सायरस मिस्त्री से पूछताछ कर सकता है। सेबी ने कहा कि मामले पर कड़ी नजर है और आरोपों पर सफाई मांगेंगे।
गौरतलब है कि टाटा संस में शापूरजी पालोनजी ग्रुप की 18.5 फीसदी हिस्सेदारी है। इस विवाद के बाद शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने साफ किया कि वो टाटा संस में अपना हिस्सा नहीं बेचेगा। टीसीएस में शापूरजी पालोनजी ग्रुप का हिस्सा 63000 करोड़ रुपये का है। वहीं टाटा ग्रुप की 27 कंपनियों पर कुल 2.41 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
टाटा ग्रुप की कंपनियों में सायरस मिस्त्री की हिस्सेदारी पर नजर डालते हैं, टीसीएस में सायरस मिस्त्री की हिस्सेदारी का वैल्युएशन 970 करोड़ रुपये का है। इंडियन होटल्स में 1.4 करोड़ रुपये, टाटा केमिकल्स में 80 लाख रुपये, टाटा मोटर्स में 80 लाख रुपये, टाटा पावर में 50 लाख रुपये और टाटा ग्लोबल ब्रेवरेजेज में 40 लाख रुपये है।
सायरस मिस्त्री के चेयरमैन रहते टाटा ग्रुप की आय में 14.43 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि एबिटडा में 14.76 फीसदी का ग्रोथ देखने को मिला है। टाटा ग्रुप का डेट/इक्विटी रेश्यो 1.98 फीसदी पर आ गया, तो ऑपरेटिंग मार्जिन में 79 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सायरस मिस्त्री की कमान में टाटा मेटालिक्स ने 583 फीसदी, टाटा एलेक्सी ने 481 फीसदी, वोल्टास ने 275 फीसदी, टाटा कम्युनिकेशंस ने 182 फीसदी, इंडियन होटल्स ने 123 फीसदी, टाटा मोटर्स डीवीआर ने 113 फीसदी और टाटा मोटर्स ने 82 फीसदी का रिटर्न दिया है।
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