Monday 17 October 2016

लोगों ने मुंह मोड़ा, चीनी माल के बहिष्कार की लहर

इस वक्त देशभर में चीनी माल के खिलाफ लोगों का गुस्सा निकल रहा है, दरअसल गुस्सा चीन के साथ है लेकिन निकल रहा है उसके माल पर। लेकिन ये देश उन व्यापारियों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है जिनका धंधा इस चीनी माल पर ही टिका हुआ है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या चीनी माल का विरोध करके हम चीन पर गुस्सा दिखा रहे हैं या फिर अपने ही व्यापारियों का नुकसान कर रहे हैं। जिस तरह का व्यापार भारत और चीन के बीच है, क्या हम चीन के माल से मुंह मोड़ सकते हैंl

 

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2014 में चीन ने भारत में 14.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया था, और 2015 में ये निवेश 87 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। भारत और चीन के बीच 1978 में व्यापार की शुरुआत हुई थी और 2000 में सिर्फ 3 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था जो 2011 में बढ़कर 73 अरब डॉलर तक पहुंच गया। साल 2015-16 में भारत और चीन के बीच 70.73 अरब डॉलर का व्यापार हुआ और इस दौरान व्यापार घाटा 52.63 अरब डॉलर रहा। साल 2014-15 में भारत और चीन के बीच 72.34 अरब डॉलर का व्यापार हुआ और इस दौरान व्यापार घाटा 48 अरब डॉलर रहा। 

 

चीन से भारत में कई सामानों का आयात होता है। इनमें खिलौने, फर्नीचर, बिल्डिंग हार्डवेयर, पटाखे, बल्ब और बिजली उपकरण, फर्निशिंग फैब्रिक, स्टेशनरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, किचन उपकरण, गिफ्ट आइटम, घड़ियां और सजावट का सामान प्रमुख हैं। 

 

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को शह देने पर इस वक्त देश में चीनी सामान के बहिष्कार की बातें चल रही हैं। लेकिन आज इसके लिए बाकायदा अखबार में एक विज्ञापन छपा है, जिसमें चीन का नाम लिए बिना विदेशी पटाखों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। इस विज्ञापन को सरकार के संट्रेल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम यानि सीबीईसी ने छपवाया है। 

 

विज्ञापन में कहा गया है कि सल्फर या सलफ्युरेट वाले अवैध तरीके से इंपोर्ट किए गए पटाखे जानमाल और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक हैं। विज्ञापन में कहा गया है कि विदेशी पटाखे रखना और बेचना दोनों दंडनीय अपराध है। विज्ञापन में अपील की गई है कि इस दिवाली पर सिर्फ मेड इन इंडिया चीजों का ही इस्तेमाल किया जाए। 

 

दरअसल चीन की ओर से पाकिस्तान को लगातार सहयोग बढ़ता जा रहा है, ऐसे में भारत में चीनी माल के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर पर प्रतिबंध का यूएन में विरोध किया। हालांकि, दूसरी ओर चीनी माल के बहिष्कार से भारतीय व्यापारी काफी डरे हुए हैं। दरअसल जिन व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर चीनी माल का स्टॉक मंगाया हुआ है उनको स्टॉक बेकार होने का डर सता रहा है। दिवाली का माल 2-3 महीने पहले आ चुका है और इस तरह कारोबारियों के करोड़ों रुपये फंसे हैं।

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