नागपुर-सिकंदराबाद रेल कॉरिडोर के लिए भारत-रूस के बीच हस्ताक्षर
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रेल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय सहयोग के लिए नागपुर-सिकंदराबाद रेल कॉरिडोर की गति बढ़ाने के संबंध में व्यवहार्यता अध्ययन के लिए भारतीय रेल और रूस की रेल के मध्य एक प्रोटोकॉल पर गोवा में हस्ताक्षर किए गए। यह हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मध्य 15 अक्टूबर को आयोजित द्विपक्षीय बैठक के दौरान हुआ। यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इस प्रोटोकॉल में नागपुर-सिकंदराबाद खंड में यात्री गाड़ियों की गति 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए तकनीकी और निष्पादन अध्ययन कार्य को शामिल किया गया है।
इस परियोजना का भारतीय रेल और रूसी रेलवे संयुक्त रूप से वित्त पोषण करेगी और दोनों पक्षों की 50 प्रतिशत लागत हिस्सेदारी होगी। इस प्रोटोकॉल पर भारत की ओर से नवीन कुमार शुक्ला (सलाहकार/गतिशीलता/रेलवे बोर्ड) और रूस की ओर से रूसी रेल के अध्यक्ष ओ.वी ब्लोजिरॉव ने हस्ताक्षर किए।
बयान के अनुसार, दिसंबर, 2015 के दौरान रेल मंत्रालय और रूसी रेलवे के मध्य तकनीकी सहयोग पर हस्ताक्षर किए गए थे। समझौता ज्ञापन में सहयोग क्षेत्रों की पहचान की गई थी, जिसमें भारत में उच्च गति रेल (एचएसआर), रेलों की गति 160-200 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे की मौजूदा लाइनों का आधुनिकीकरण, उपग्रह नौवहन और डिजिटल संचार माध्यमों पर आधारित आधुनिक नियंत्रण एवं सुरक्षा संबंधित प्रणालियां, उपग्रह और भू-सूचना प्रौद्योगिकी, परिवहन सुरक्षा और साइबर सुरक्षा, रोलिंग स्टॉक, हैवी हॉल परिवहन, भारतीय रेलवे के लिए मानव संसाधन प्रशिक्षण का आयोजन, विद्यार्थियों को उच्च व्यावसायिक शिक्षा तथा प्रबंधकों सहित स्टाफ सदस्यों को उन्नत प्रशिक्षण, स्टेशनों का पुनर्विकास, समर्पित माल ढुलाई रेल गलियारे, ट्रैक अधिरचना पुलों और सुरंगों सहित सिविल इंजीनियरिंग कार्यों का आधुनिकीकरण, पुनर्निर्माण और निर्माण, और स्लैब पटरियां शामिल हैं।
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