Thursday 9 May 2019

किसानों की कर्ज माफी से बढ़ सकता है फिस्कल डेफेसिट: RBI


चुनावों के समय रेवड़ी बांटने के चलन से राज्यों का बजट गडबड़ा जाता है। जिससे राजकोषीय घाटा (फिस्कल डेफिसिट) बढ़ने की आशंका रहती है। ऐसे में राज्यों के बढ़ रहे फिस्कल डिफिसिट पर RBI ने वित्त आयोग को चेताया है। उसका कहना है कि कृषि, कर्जमाफी, छूट, आय समर्थन योजनाएं (इनकम सपोर्ट योजनाएं) और बिजली वितरण कंपनियों से जुड़े उदय बॉन्ड के बोझ से राज्यो का घाटा बढ़ सकता है।

आरबीआई के हेड ऑफिस में 15वें फाइनेंसियल कमीशन के मेंबर्स और आरबीआई की मीटिंग हुई। स मीटिंग में आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास और आबीआई के डिप्टी गर्वनर शामिल थे।

आरबीआई ने इस मीटिंग में बताया कि राज्यों में कृषि कर्ज माफी और इनकम सपोर्ट स्कीम्स जैसी कई ऐसी योजनाएं चल रही हैं, जिसकी वजह से राजकोषीय घाटा बढ़ेगा।

आपको बता दें कि आम चुनाव के पहले केंद्र सरकार और राज्यों ने मिलकर किसानों और गरीबों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है।

हाल ही में भाजपा शासित राज्यों में जहां कांग्रेस की सरकार आई है, वही किसान कर्ज माफी योजना समेत कई योजनाएं शामिल है। जिसका बोझ राज्य सरकारों के बजट में पड़ता है। जिससे घाटा बढ़ता है।

इसमें ये भी कहा गया है कि मिलने वाले राजस्व के प्रतिशत में ब्यज भुगतान में कमी के बावजूद जीडीपी के प्रतिशत के रूप में बकाया कर्ज बढ़ रहा है।

इसके अलावा दास ने राज्य वित्त आयोग के गठन, सार्वजिनक क्षेत्र में कर्ज और वित्त आयोग को बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया।  आपको बता दें कि दिसंबर में रिजर्व बैंक का गवर्नर बनने से पहले दास वित्त आयोग के सदस्य थे।


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