Thursday 22 September 2016

इनकम टैक्स का धावा, कालेधन पर जोरदार प्रहार

आ गए इनकम टैक्स वाले, जी हां, इस वक्त देश के हर छोटे बड़े काम धंधे वाले को यही डर सता रहा है। कालेधन का खुलासा करने वाली स्कीम 30 सितंबर को खत्म हो रही है और उससे पहले इनकम टैक्स विभाग कोई कसर बाकी रखना नहीं चाहता है। इनकम टैक्स विभाग ने न सिर्फ ज्वेलर्स, बिल्डर्स और कारोबारियों पर अपना शिकंजा कसा है, बल्कि वो आपकी कॉलोनी में चाट का ठेला लगाकर मोटी कमाई करने वाले तक से हिसाब किताब मांग रहे हैं। और ये किसी एक शहर की बात नहीं है बल्कि पूरे देश का किस्सा है। 

 

गुजरात में इनकम टैक्स विभाग की सख्ती की बात करें तो राज्य में पिछले 4 दिनों में कई शहरों में छापेमारी की गई है। सूरत, वडोदरा, राजकोट और गांधीधाम में कई जगह छापे पड़े हैं। डॉक्टर, बिल्डर और मिठाई की दुकानें इनकम टैक्स विभाग के रडार पर हैं। इनकम टैक्स विभाग खासकर ऐसे लोगों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है जो कैश में कारोबार करते हैं।

 

गुजरात में अब तक 1200-1300 करोड़ रुपये आईडीएस के तहत घोषित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। खबरें हैं कि सूरत में बिल्डर्स और डायमंड के कारोबारी ग्रुप ने करीब 800 करोड़ रुपये आईडीएस के तहत घोषित किया है। इनकम टैक्स विभाग कई बड़े बिल्डर्स, फार्मा कंपनियों, टेक्सटाइल यूनिट्स, डायमंड कारोबारी और कई बड़े ज्वेलर्स को चिठ्ठी लिखकर आईडीएस में काला धन घोषित करने के लिए कह चुका है। 

 

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